
आज जब हम सभी लोग कोविड 19 के तेज़ी से हो रहे प्रसार से डर रहे हैं तो ऐसे में बहुत ज़रूरी हो जाता है ख़ुद को किसी भी तरह के इन्फ़ेक्शन से बचाए रखना. हम अपने हाथों को धोते और सैनिटाइज़ करते रहते हैं. यहां तक कि बाहर से आनेवाले हर सामान को डिस्इन्फ़ेक्ट करते हैं. पर इन सावधानियों के बीच हममें से ज़्यादातर लोग बच्चों के खिलौने और सामानों को डिस्इन्फ़ेक्ट करना भूल ही जाते हैं. कहीं न कहीं हमारे दिमा़ग़ में यह चल रहा होता है कि बच्चे तो कहीं बाहर जाते नहीं तो उन्हें इन्फ़ेक्शन का डर नहीं. पर आपको भूल से भी यह भूल नहीं करनी चाहिए, क्योंकि बच्चों को इन्फ़ेक्शन का ख़तरा दूसरों की तुलना में सबसे अधिक होता है. इसका कारण यह है कि नवजात बच्चों और छोटे बच्चों का इम्यून सिस्टम डेवलप हो रहा होता है. इसका मतलब है, उनका शरीर बड़ों की तुलना में इन्फ़ेक्शन से लड़ने के लिए उतना तैयार नहीं होता. और बच्चे हैं कि वे जो भी चीज़ मिलती है उसे सीधे उठाकर मुंह में डाल लेते हैं. यह तो बीमारियों को सीधा निमंत्रण देना हुआ. आप लाख कोशिश करें, पर बच्चों की इस आदत को नहीं बदल सकते, तब आपको दूसरा रास्ता अपनाना होगा वह रास्ता है हर उस सामान को डिस्इन्फ़ेक्ट करना, जो उनके संपर्क में आ सकता है. आइए जानें, कैसे किया जा सकता है यह काम.
कैसे करें बच्चे के सामानों के लिए डिस्इन्फ़ेक्टेंट का चुनाव?
बच्चों को सामान को डिस्इन्फ़ेक्ट करने के लिए आपको ऐसे डिस्इन्फ़ेक्टेंट की तलाश करनी चाहिए, जो ख़ासतौर से उनके सामानों को डिस्इन्फ़ेक्ट/सैनिटाइज़ करने के लिए बनाया गया हो, क्योंकि आपको उनके खाने के बर्तनों से लेकर फ़ीडिंग बॉटल्स, सूदर्स, खिलौने, गम मसाजर, टेबलवेयर आदि को साफ़ करना है. ऐसे में ऐंटी-बैक्टीरियल और ऐंटी-फ़ंगल गुणों वाला डिस्इन्फ़ेक्टेंट अच्छा विकल्प होगा. इससे आप दूसरे सामानों के साथ-साथ फलों और सब्ज़ियों को भी डिस्इन्फ़ेक्ट कर सकते हैं. वैसे ज़्यादातर घरों में अब भी डिस्इन्फ़ेक्टिंग के पुराने तरीक़े को अपनाया जाता है यानी चीज़ों को केवल धोकर साफ़ किया जाता है. यह तरीक़ा अब इतना प्रभावी नहीं रहा है. इसलिए सही डिस्इन्फ़ेक्टेंट का चुनाव और भी अहम् हो जाता है.
किन-किन चीज़ों की सफ़ाई पर देना चाहिए ख़ास ध्यान?
बच्चों की छोटी-सी दुनिया का महत्वपूर्ण हिस्सा कहे जानेवाले फ़ीडिंग बॉटल्स, टीथर्स, सूदर्स, खिलौने, छोटे चम्मच-कांटों की साफ़-सफ़ाई से किसी भी तरह का समझौता न करें. इनमें से लगभग सभी सामान बच्चे आमतौर पर अपने मुंह में डालते हैं और वह भी दिन में कई-कई बार. कई बार तो बच्चों की छोटी-मोटी बीमारी का कारण भी उनकी यही आदत होती है. ख़ासतौर पर उन्हें उल्टी, दस्त और बुख़ार जैसी समस्याएं इसी वजह से मिलती हैं. इसलिए पैरेंट्स को समय-समय पर इन चीज़ों को सैनिटाइज़/डिस्इन्फ़ेक्ट करना चाहिए.
बच्चों की इन सामानों के अलावा उनके खाने-पीने की चीज़ों की साफ़-सफ़ाई पर भी ध्यान देना चाहिए. अगर बच्चे थोड़े बड़े हों. बड़े से मतलब है इतने बड़े कि फ्रिज में से ख़ुद खाने-पीने की चीज़ें और फल आदि निकालकर ले लेते हों तो उन्हें हाइजीन और सफ़ाई का महत्व समझाइए. फलों को खाने से पहले पानी से अच्छे से धोने का महत्व ही बच्चों को समझाने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उनमें ऐसा करने की आदत भी डलवाएं. खाने से पहले साबुन या हैंडवॉश से हाथ धोने की अच्छी आदत भी आपको ही सिखाना है.
तीन आसान स्टेप्स डिस्इन्फ़ेक्टिंग के
चाहे बच्चे के खेलने के सामान हों या खाने की चीज़ें उन्हें डिस्इन्फ़ेक्ट करना है यह तो आप समझ ही चुके हैं. इस काम को इन तीन सिम्पल स्टेप्स में किया जा सकता है.
स्टेप 1: डाइल्यूट
डाइल्यूट का मतलब तो हम सभी को पता है ‘घोलना’. तो आप सबसे पहले एक लीटर पानी लें उसमें डिस्इन्फ़ेक्टेंट की बताई गई मात्रा डालें. पैकेट पर मात्रा बताई गई होती है, उसे ज़रूर पढ़ें.
स्टेप 2: भिगोएं
पानी में डिस्इन्फ़ेक्टेंट घोलने के बाद प्लास्टिक/मेटल की चीज़ों, खिलौनों, फलों और सब्ज़ियों (छिलका समेत) को इसमें डाल दें. पैक पर बताए गए समय के मुताबिक़ 30 से 60 मिनट तक उसी में रहने दें.
स्टेप 3: धोएं
डिस्इन्फ़ेक्टेंट सोल्यूशन में से सामानों को बाहर निकालने के बाद उन्हें पीने के पानी से अच्छी तरह रगड़-रगड़कर धोएं. तो इन तीन बेहद आसान और बुनियादी स्टेप्स की मदद से आपके बच्चे के काम आनेवाली चीज़ें हानिकारक जर्म्स से मुक्त हो जाएंगी.
नोट: राजेश वोहरा, सीईओ, आर्टसना इंडिया, कीको ऑब्ज़र्वेटोरियो सेंटर के इनपुट्स पर आधारित