
लाइट्स बंद करें: अपने बच्चों को ईको-फ्रेंडली बनाने के लिए सबसे पहली चीज़ जो उन्हें आप सिखा सकती हैं, वह है ऊर्जा बचाना. उन्हें हर बार कमरे से निकलते समय लाइट-पंखें, इत्यादि बंद करने के लिए कहें.
नल बंद करनाः उन्हें समझाएं कि हर वह बूंद जो वे ब्रश करते हुए या नहाते हुए बचाते हैं, उनके भविष्य के लिए है. इस तरह से वे अपनी धरती मां को सुरक्षित भी रखते हैं.
प्लास्टिक को ना कहें: किचन के प्लास्टिक कंटेनर्स को ग्लास कंटेनर्स से बदलें और बच्चों के खिलौने जो प्लास्टिक के बजाय लकड़ी या ऊन के हो सकते हैं उन्हें चुनें. ग्रॉसरी-शॉपिंग पर जाते हुए साथ कपड़े या प्लास्टिक बैग लेकर जाएं.
किचन में करें ऑर्गैनिक चीज़ों का इस्तेमालः छोटा-सा किचन गार्डन उगाएं. यदि आपके पास सब्ज़ियां या फल उगाने जितनी जगह न हो तो हर्ब्स से भी काम चलाया जा सकता है. हो सके तो सब्ज़ियों की ख़रीददारी करते समय बच्चे को साथ ले जाएं.
प्रकृति के क़रीब ले जाएं: चाहे आप उन्हें शाम को पार्क में घुमाने ले जाएं या किसी वीकऐंड पर शहर से बाहर पहाड़ों के बीच या फिर समंदर के पास किसी वैकेशन पर ले जाएं. हरे-भरे पर्यावरण में वक़्त गुज़ारने से उन्हें सेहतमंद जीवनशैली अपनाने की प्रेरणा मिलेगी.
शौक़ ऐसे जो पर्यावरण के हित में हों: अपने बच्चों को गार्डनिंग, साइकल चलाने या पत्थर इकट्टा करने जैसे शौक़ में से चुनने कहें. उन्हें इसके फ़ायदे बताएं, ताकि वे अपने शौक़ को शान से बढ़ावा दे सकें.
ख़राब चीज़ों से कुछ क्रिएटिव बनाने कहें: बैग्स, पुराने कपड़े, अख़बार, कंटेनर्स से काम की चीज़ें बनाने के लिए अपने बच्चों को प्रोत्साहित करें. आप उन्हें रद्दी चीज़ों से पेन होल्डर, बुक होल्डर, गिफ़्ट रैप्स इत्यादि बनाने कह सकती हैं.